गुजरात में बाढ़ का कहर! अब इन 6 राज्यों में होगी भारी बारिश; IMD ने जारी किया अलर्ट

Weather Forecast: देश के कई राज्यों में इनदिनों भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. जिसके बाद सितंबर में मानसून एक बार फिर एक्टिव हो गया है. इस बीच मौसम विभाग ने पांच राज्यों में भारी बारिश

गुजरात में बाढ़ का कहर! अब इन 6 राज्यों में होगी भारी बारिश; IMD ने जारी किया अलर्ट

Weather Forecast: देश के कई राज्यों में इनदिनों भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. जिसके बाद सितंबर में मानसून एक बार फिर एक्टिव हो गया है. इस बीच मौसम विभाग ने पांच राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. दरअसल, ये अलर्ट गुजरात में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के बीच जारी किया गया है.

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार (28 अगस्त) को तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में जिन राज्यों को आने वाले दिनों में सबसे ज्यादा भारी बारिश के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है, उनमें तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के आंतरिक क्षेत्र शामिल हैं. ऐसे में विभाग ने इसके लिए लोगों से तैयार रहने और बारिश को ध्यान में रखकर अपनी किसी यात्रा को प्लान करने की सलाह दी है.

अब इन इलाकों में होगी बंपर बारिश 

आईएमडी के अनुसार, इस विकसित हो रही प्रणाली के अगले कुछ दिनों में पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे पूर्वी तट, मध्य भारत और पश्चिम मध्य भारत में महत्वपूर्ण मौसमी प्रभाव पड़ेगा. मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ), जो वर्तमान में चरण 5 में है. ऐसे में मौसम विभाग का कहना है कि तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और यहां तक ​​कि महाराष्ट्र के आंतरिक इलाकों को भी भारी बारिश के लिए तैयार रहना चाहिए.

बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं की बनी रहेगी संभावना- IMD

मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी तट पर भी भारी बारिश होने की संभावना है, जिसका असर केरल, कर्नाटक और गोवा के पहाड़ी इलाकों पर भी पड़ेगा. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि पश्चिमी घाट में भारी होने के चलते स्थानीय स्तर पर बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती हैं.

इसके अलावा आगामी 3 या 4 सितंबर के बाद उत्तरी कोंकण और गुजरात को प्रभावित करने का अनुमान है. ऐसे में इन क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे संभावित परेशानियों से निपटने के लिए शहरी केंद्रों और ग्रामीण इलाकों पर ध्यान केन्द्रित करना पड़ेगा.