लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के बीच कैथल डिपो को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी के निर्देशों पर कैथल डिपो से एनसीआर क्षेत्र के जिलों में बीएस-6 तकनीक की 78 बसें भेज दी हैं। वहीं, इनके बदले में सभी बीएस-3 तकनीक की बसें भी वापस नहीं आई है। इनके बदले अभी तक बीएस-3 व 4 तकनीक की महज 48 बसें आई हैं। ये जो बसें आई है, यह भी बेहद खराब हालत की है। जिनकी मरम्मत करने में काफी अधिक समय लगेगा। ऐसे कैथल डिपो की ओर से संचालित की जाने वाले बसों की संख्या कम होगी और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
गौरतलब है कैथल डिपो में पिछले साल ही करीब 10 साल के अंतराल के बाद यह बीएस-6 तकनीक की बसें आई थी। अब करीब एक साल बाद ही इन बसों को एनसीआर क्षेत्र में आने वाले जिलों में सरकार के आदेशों पर भेजा गया है। ऐसे में अभी डिपो में करीब 48 बसें ही रह गई हैं। यह बसें दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र के जिलों में आने वाले रूटों पर चलाई जाएंगी। वहीरं, बीएस-3 व 4 तकनीक की बसें आने के बाद कुछ समय के बाद यह बसें कंडम हो जाएंगी।
धर, बीएस-6 तकनीक की बसों के भेजने पर रोडवेज यूनियन के नेताओं ने रोष जताया। इन नेताओं का कहना है कि कंडम होने वाली बसों में यात्रियों की यात्रा कैसे होगी? बता दें कि इस समय कैथल डिपो में कुल 192 बसें है। इसमें से 96 से बसें बीएस-6 तकनीक की शामिल है परंतु अब 96 बसों में 48 बसों में दूसरे जिलों में जाने के बाद कैथल डिपो में महज 48 बसें ही बीएस-6 तकनीक की रह गई हैं। इस दौरान दिलबाग खरक, रामनिवास, अनिल, जयभगवान, मनदीप आदि कर्मचारी नेता मौजूद रहे।