डोनाल्ड ट्रंप का असर? राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद हूथि के संघर्षविराम की अटकलें, इंटरनेट पर चर्चा तेज

बुधवार को एक समाचार पोर्टल ने खबर दी कि यमन के हूथी आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में तुरंत संघर्षविराम की घोषणा की है,

डोनाल्ड ट्रंप का असर? राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद हूथि के संघर्षविराम की अटकलें, इंटरनेट पर चर्चा तेज

बुधवार को एक समाचार पोर्टल ने खबर दी कि यमन के हूथी आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में तुरंत संघर्षविराम की घोषणा की है, जिससे सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। इस घोषणा के बाद ऑनलाइन अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गया है और इसे हाल ही में डोनाल्ड जे. ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से जोड़कर देखा जा रहा है। @NewsNow4USA नाम के अकाउंट ने, जिसके X (पहले ट्विटर) पर 2.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं, एक हूथी प्रवक्ता के हवाले से कहा, “हमारी अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में की गई कार्रवाई केवल रक्षात्मक उद्देश्य के लिए थी, और हम तत्काल संघर्षविराम की घोषणा करते हैं।”

हालांकि, इस खबर की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है और इंटरनेट पर कई लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या हूथि का यह निर्णय ट्रंप की वापसी को लेकर एक एहतियाती कदम हो सकता है। यह खासकर इसलिए माना जा रहा है कि ट्रंप का इस समूह के खिलाफ पहले से ही सख्त रुख रहा है और उन्होंने यमन में सऊदी अरब के हस्तक्षेप का समर्थन भी किया था।

सोशल मीडिया यूजर्स ने इस कथित घटनाक्रम पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है, कुछ का कहना है कि हूथि का संघर्षविराम ट्रंप की "मजबूत प्रतिद्वंद्वी" वाली छवि के कारण हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि हूथी, अमेरिका के साथ किसी भी तनाव से बचना चाहते हैं, खासकर यह देखते हुए कि ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति शायद यमन में सख्त कार्रवाई की दिशा में भी जा सकती है।

इस कथित संघर्षविराम और इसके पीछे की संभावनाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल पैदा कर दी है, और सोशल मीडिया पर लोग लगातार इस पर चर्चा कर रहे हैं कि ट्रंप की जीत के बाद मिडिल ईस्ट में अमेरिकी नीति में क्या बदलाव आ सकते हैं।