Sonipat News: एम्बुलेंस में सायरन न पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, एसी व ऑक्सीजन रेगुलेटर तक खराब
एम्बुलेंस में सायरन न पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, एसी व ऑक्सीजन रेगुलेटर तक खराब

सोनीपत। आपातकाल में जीवनदायिनी मानी जाने वाली जिले की अधिकांश एंबुलेंस खुद लाचार व देखरेख के अभाव में बेकार हैं। यह खुलासा हुआ है वीरवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ता टीम की जांच में। टीम ने नागरिक अस्पताल के रेफरल सेंटर पर छापा डाला तो पांच एम्बुलेंस की जांच कर अन्य के कागजात व रिकार्ड को खंगाला। यहां 32 में 30 एम्बुलेंस का प्रदूषण प्रमाणपत्र ही नहीं मिला, एक में ऑक्सीजन रेगुलेटर का कांच टूटा था। टीम ने अनियमितताओं की रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिख दी है।
मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम नागरिक अस्पताल स्थित रेफरल सेंटर पहुंची और करीब चार घंटे तक जांच की। यहां कॉल रजिस्टर को जांचा, इसमें पहली जनवरी से 25 जून तक कुल कॉल 6825 मिली। टीम ने पांच एम्बुलेंस की जांच की, जिसमें विभाग को दान में मिली एम्बुलेंस भी थी। इनमें से चार एम्बुलेंस में ना तो सायरन मिला और न ही इनका एसी काम कर रहा था। 21 एम्बुलेंस चालू हालत में मिली तो 11 ऑन रोड ही नहीं थी। बताया जा रहा है कि नागरिक अस्पताल के रेफरल सेंटर को लेकर लंबे समय से समस्या होने की बात कही जा रही थी। अस्पताल में मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम के छापा डालने के बाद हड़कंप मचा रहा। जांच टीम में इंस्पेक्टर जसमेर, महावीर व एएसआई राजेश के साथ ही गुप्चर विभाग से एसआई सुनील व एचसी दानीराम शामिल रहे।
32 में 30 एम्बुलेंस का प्रदूषण प्रमाणपत्र तक नहीं
जांच टीम को 32 एम्बुलेंस का रिकॉर्ड मिला। इनमें से 30 एम्बुलेंस का प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं मिला। दान में मिली एम्बुलेंस में जीपीएस, बायोमीट्रिक डिवाइस और सीसीटीवी नहीं मिला।
रेफरल सेंटर में कर्मियों की मिली कमी
रेफरल सेंटर में फ्लीट मैनेजर का पद खाली मिला। इसके साथ कंट्रोल रूम ऑपरेटर के चार पदों में से एक खाली था। ईएमटी के 45 पद में से 42 पद भरे थे। महिला ईएमटी की संख्या दो ही मिली। 84 चालकों में से 83 के पद भरे हैं।