Haryana NHM Strike: सेवा नियम फ्रीज, सात दिन न लौटे तो होंगे बर्खास्त; यूनियन का जवाब-नियमावली हमने भी पढ़ी है
हरियाणा में छठवें दिन एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया है।

हरियाणा में छठवें दिन एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया है। एक तरफ सरकार के वित्त विभाग ने सख्त रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों के सेवा नियमों को तुरंत प्रभाव से फ्रीज करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
डायरेक्टर मिशन डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि अब नियमों के तहत सात दिनों तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारी स्वत: बर्खास्त हो जाएंगे। वहीं, एनएचएम सांझा मोर्चा से स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंदर वत्स ने कहा कि नियमावली उन्होंने भी पढ़ी है, अपनी मांगों के पूरा होने तक ना हड़ताल खत्म करेंगे और ना कोई ड्यूटी पर वापस जाएगा।
एनएचएम कर्मचारियों की ओर से प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर 31 जुलाई को होने वाले रोष प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया और सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में वित्त विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी की प्रतियों को जलाकर नारेबाजी की गई। प्रदेश महामंत्री जितेंदर वत्स ने कहा कि आदेश की प्रतियां जलाने का मतलब साफ है कि अपनी मांग और हड़ताल पर अड़िग हैं।
मंगलवार देर शाम वित्त विभाग की ओर से एनएचएम कर्मचारियों के सेवा नियमों को फ्रीज करने के आदेशों ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को उग्र कर दिया। एनएचएम पदाधिकारियों ने कहा कि अगर उनके हितों के साथ सरकार खिलवाड़ किया गया और सर्विस बायलॉज को फ्रीज करने की एडवाइजरी को वापस नहीं लिया गया तो वे अपने हितों की रक्षा के लिए लड़ाई तेज करेंगे।
दूसरे राज्यों में आधी तनख्वाह, पक्का करने का नियम नहीं: डायरेक्टर
एनएचएम के डायरेक्टर डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि एनएचएम सांझा मोर्चा के साथ बैठक में सातवें पे-कमीशन लागू करने की मांग मान ली गई थी। लेकिन कर्मचारियों की कई मांगें नियमों के आधार पर मानी नहीं जा सकती हैं। दूसरे राज्यों में एनएचएम कर्मियों को भुगतान करने के लिए 40 प्रतिशत राज्य और 60 प्रतिशत केंद्र सरकार पैसा देती है। जबकि हरियाणा में 80 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर भुगतान किया जाता है। दूसरे राज्यों से हरियाणा एनएचएम के कर्मियों की तनख्वाह तीन गुणा अधिक है। पक्का करने का नियम ही नहीं है, भारत के किसी राज्य में एनएचएम कर्मियों को पक्का नहीं किया गया है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया जा रहा है।
नोटिस देकर हड़ताल पर हैं, बर्खास्त कैसे कर देंगे: जितेंदर वत्स
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंदर वत्स ने कहा कि ट्रेड यूनियन के तहत बाकायदा नोटिस देकर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। सभी को अपनी मांग रखने का हक है। ऐसे कैसे बर्खास्त कर देंगे।