उज्जैन- विक्रमोत्सव् में महाकवि भास के नाटक चारुदत्तं की प्रस्तुति
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत महाकवि भास के नाटक चारुदत्तं की प्रस्तुति कालिदास अकादमी के मंच पर हुई।

महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत महाकवि भास के नाटक चारुदत्तं की प्रस्तुति कालिदास अकादमी के मंच पर हुई।
संस्था विशाला के संरक्षक एवं समाज सेवी राजेश कुशवाह ने बताया कि इंदौर की रंग संस्था रंगरुपिया थिएटर्स इंदौर द्वारा चौथी शताब्दी के उज्जैन के ही महाकवि भास के शास्त्रीय शैली के संगीत मय नाटक चारुदत्तं की प्रस्तुति दी।
नृत्य और जीवंत संगीत से सजी इस नाट्य प्रस्तुति को मंच पर व मंच परे 25 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया।1:30 घंटे की अवधि के इस नाटक की परिकल्पना पूजा पटेल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय-वाराणसी और निर्देशन रवि शंकर, संगीत नाटक अकादमी द्वारा किया गया है, संगीत चैतन्य और नृत्य संयोजन रजत पवार का है।