Sky Force Controversy: विवादों में अक्षय कुमार की 'स्काई फोर्स'! जानें क्यों कोडवा समुदाय ने जताई आपत्ति
Sky Force Controversy: अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म स्काई फोर्स रिलीज हो गई है. ये फिल्म1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत की पहली एयर स्ट्राइक पर आधारित है.इस फिल्म में स्क्वाड्रन

अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म स्काई फोर्स रिलीज हो गई है. ये फिल्म1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत की पहली एयर स्ट्राइक पर आधारित है.इस फिल्म में स्क्वाड्रन लीडर अज्जमादा बोप्पय्या देवय्या के चित्रण को लेकर कर्नाटक के कोडवा समुदाय में गुस्सा भड़का दिया है.
फिल्म में स्क्वाड्रन लीडर देवय्या को तमिल के रूप में दिखाने जाने पर समुदाय के लोगों ने असहमति जताई है. लोगों का कहना है कि वो कर्नाटक के कोडागु में कोडवा समुदाय से ताल्लुक रखते थे. कोडवा समुदाय कर्नाटक के कूर्ग (अब कोडगु) में स्थित एक जातीय समुदाय है. ये लोग सैन्य परंपरा का पालन करते हैं.
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
समुदाय की एक वकील तान्या का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने स्क्वाड्रन लीडर देवय्या के समुदाय को गलत तरीके से चित्रित करने के पीछे फिल्म निर्माताओं की मंशा पर सवाल उठाया है, खासकर तब जब यह माना जा रहा है कि फिल्म उनके जीवन से आधारित है.
Dear @MaddockFilms & @akshaykumar ji
— P K T ???????? (@pramodthimmaiah) January 24, 2025
She is spot on, it would have been a wonderful gesture to the Kodavas had you kept it real.#ApplauseForSkyforce pic.twitter.com/GlEOMT9uj0
इसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता गुलशन देवैया ने भी सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "चूंकि स्काई फोर्स रिलीज हो गई हैइसलिए मैं आपका ध्यान एक युद्ध नायक की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिस पर एक मुख्य किरदार आधारित है.हमारा नाम एक ही है, लेकिन मैं उनसे संबंधित नहीं हूं. लेकिन मैं भी उनके जैसा ही कोडवा हूं और मैंने सोचा कि मैं हमारे विविध देश के एक छोटे से मार्शल समुदाय पर थोड़ा ध्यान आकर्षित करूंगा.'
मिला था महावीर चक्र
स्क्वाड्रन लीडर एबी देवय्या 1965 में दुश्मन के इलाके में एक स्ट्राइक ऑपरेशन के दौरान लापता हो गए थे. 23 साल बाद उन्हें 1988 में मरणोपरांत दूसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था. गौरतलब है कि भारत के सशस्त्र बलों के प्रथम कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा और भारतीय सेना के तीसरे सेनाध्यक्ष जनरल केएस थिमय्या कोडवा समुदाय से थे.