23 की मौत: चेहरों पर लगी थी मिट्टी, पहचान में न आए शव; इकलौते बेटे को मुंह से आक्सीजन दी, लेकिन सफल न हुआ

कासगंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में श्रद्धालुओं की मौत होने की सूचना मृतकों के परिजनों, गांव के लोगों और रिश्तेदारों को हुई तो वे सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए

23 की मौत: चेहरों पर लगी थी मिट्टी, पहचान में न आए शव; इकलौते बेटे को मुंह से आक्सीजन दी, लेकिन सफल न हुआ

कासगंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में श्रद्धालुओं की मौत होने की सूचना मृतकों के परिजनों, गांव के लोगों और रिश्तेदारों को हुई तो वे सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए l

कासगंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में श्रद्धालुओं की मौत होने की सूचना मृतकों के परिजनों, गांव के लोगों और रिश्तेदारों को हुई तो वे सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए और यहां स्ट्रेचरों पर रखे शवों की शिनाख्त करने में परेशान हो रहे थे, लेकिन चेहरे की मिट्टी हटाकर सभी की पहचान कर ली गई। 

शिनाख्त में देरी के कारण प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूची बनाने में दिक्कतें हो रहीं थीं। सभी की शिनाख्त हुई तो सूची बन पाई। ट्रैक्टर-ट्रॉली का हादसा तालाब में गिरकर हुआ। तालाब की मिट्टी मृतक श्रद्धालुओं के चेहरे व शरीर पर लगी हुई थी। 

कुछ के चेहरे साफ थे तो उनकी शिनाख्त आसानी से हो गई, लेकिन कुछ की शिनाख्त में दिक्कतें हो रहीं थीं, लेकिन परिजनों, ग्रामीणों व रिश्तेदारों के पहुंचने के बाद सभी की शिनाख्त कर ली गई। सभी मृतकों की शिनाख्त होने के बाद ने सूची तैयार करके प्रशासनिक अधिकारियों को दी और यह सूची देर सायं प्रशासन के द्वारा जारी की गई। 

अपनों को मौत के मुंह से बाहर निकालने को जूझते देखे गए परिजन
उधर, ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से हुए हादसे में दुधमुंही पायल पुत्री राजेश एवं कुलदीप पुत्र मुकेश की मौत हो जाने के बाद भी परिजन उनको मौत के मुंह से बाहर निकालने की कोशिश करने के लिए जूझते रहे। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार जो लोग बच गए वे ट्राली में सवार अपनों को बचाने के प्रयास करने में जुट गए। 

दुधमुही पायल को उसकी बुआ पानी से बाहर निकाल कर लाई, लेकिन वह यह समझ नहीं सकी कि पायल की मौत हो चुकी है। उसने पायल को बाहर लाकर उल्टा कर दिया, ताकि उसके पेट में भरा पानी निकल जाए और उसकी जान बच जाए, जब काफी देर तक प्रयास करने पर भी मासूम में कोई हरकत नहीं हुई तो वह बिलख पड़ी।