नेपाल से सोयाबीन तेल आयात में 14 गुना बढ़ोतरी, भारत में बढ़ी चिंता

भारत और नेपाल के ऐतिहासिक और व्यापारिक संबंध काफी पुराने और मजबूत हैं, लेकिन हाल ही में नेपाल से सोयाबीन तेल के आयात में अप्रत्याशित वृद्धि ने भारत को चिंता में डाल दिया है।

नेपाल से सोयाबीन तेल आयात में 14 गुना बढ़ोतरी, भारत में बढ़ी चिंता

भारत और नेपाल के ऐतिहासिक और व्यापारिक संबंध काफी पुराने और मजबूत हैं, लेकिन हाल ही में नेपाल से सोयाबीन तेल के आयात में अप्रत्याशित वृद्धि ने भारत को चिंता में डाल दिया है। नेपाल से होने वाला सोयाबीन तेल का आयात पिछले वर्ष की तुलना में 14 गुना बढ़ गया है, जबकि नेपाल में सोयाबीन का उत्पादन नाममात्र का ही होता है। इससे भारत सरकार और मार्केट एक्सपर्ट्स को शक हो रहा है कि नेपाल भारत को मिलने वाली टैरिफ छूट का अनुचित लाभ उठा रहा है।

आयात में अप्रत्याशित वृद्धि

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच नेपाल से सोयाबीन तेल का आयात 14 गुना बढ़कर 38.15 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह मात्र 2.81 मिलियन डॉलर था। वहीं, भारत का कुल सोयाबीन तेल आयात 19% बढ़कर 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

टैरिफ छूट का फायदा उठा रहा नेपाल?

विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल-भारत व्यापार समझौते के तहत नेपाल को मिलने वाली टैरिफ छूट का फायदा उठाया जा रहा है। 2009 में लागू इस समझौते के तहत नेपाल से आयात होने वाले उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगता, जिससे नेपाल को 30% से अधिक का टैरिफ लाभ मिलता है।

कस्टम ड्यूटी में बदलाव का असर

सितंबर 2024 में भारत ने सोयाबीन तेल, पाम ऑयल और सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20% बढ़ाकर कुल 35.75% कर दी थी, ताकि भारतीय किसानों की आय को सुरक्षित किया जा सके। इसके बावजूद नेपाल से आयात में भारी बढ़ोतरी देखी गई, जबकि ब्राजील से आयात में गिरावट आई है।

भारत सरकार कर सकती है सख्त कदम

नेपाल से सोयाबीन तेल के असामान्य रूप से बढ़ते आयात को लेकर भारत सरकार जांच कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल मूल नियमों (Rules of Origin) का उल्लंघन कर रहा है और भारत को मिलने वाली टैरिफ छूट का अनुचित लाभ उठाया जा रहा है। ऐसे में भारत इस पर सख्त कदम उठा सकता है ताकि घरेलू तिलहन किसानों के हित सुरक्षित रह सकें।