जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, लश्कर के तीन आतंकियों को किया ढेर
कुलगाम जिले के समनू गांव में गुरुवार दोपहर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो शुक्रवार भी जारी है। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। ताजा जानकारी के अनुसार, यहां पांच आतंकी मारे गए हैं।

कुलगाम जिले के समनू गांव में गुरुवार दोपहर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो शुक्रवार भी जारी है। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। ताजा जानकारी के अनुसार, यहां पांच आतंकी मारे गए हैं।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुक्रवार दूसरे दिन भी जारी है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल पर पांच आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इलाके में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी चल रहा है।
सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि कुलगाम जिले के समनू गांव में कुछ आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। इसके बाद पुलिस, सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने वीरवार दोपहर आतंकियों की मौजूदगी वाले गांव की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। शाम करीब चार बजे छिपे हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी फायरिंग के बाद से रुक-रुक कर गोलीबारी हुई।
रुक-रुक कर हो रही फायरिंग के बाद सुरक्षाबल इलाके में घर-घर तलाशी अभियान चलाया गया। घिरे हुए आतंकी भागने न पाएं इसलिए गांव के सभी प्रवेश व निकासी के रास्ते सील कर दिए गए। शुक्रवार को दूसरे दिन सुबह फिर गोलीबारी शुरू हुई।
आईजीपी कश्मीर विके बिरदी ने कहा कि सुरक्षा बलों को कुलगाम में कुछ आतंकवादियों की आवाजाही के बारे में एक खुफिया इनपुट मिला था। तलाशी अभियान के दौरान, एक आतंकवादी ने एक घर से गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादी मारे गए हैं।
उड़ी सेक्टर में मारा गया लश्कर का पाकिस्तानी लांचिंग कमांडर बशीर
उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के उड़ी सेक्टर में मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए दो पाकिस्तानी दहशतगर्दों में लश्करए-ए-ताइबा का लांचिंग कमांडर बशीर भी शामिल था। वह जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभा रहा था। उत्तर में लीपा घाटी से लेकर दक्षिण में राजोरी के साथ लगते पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकियों को तैयार कर लगातार घुसपैठ करा था। बशीर ने घुसपैठ की कई कोशिशों को अंजाम देकर जम्मू-कश्मीर में भारी नुकसान पहुंचाया है। सेना के अनुसार, उसका मारा जाना नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका है।
सेना की आठ राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल राघव कृष्णन ने वीरवार को मीडिया को ऑपरेशन काली के बारे में बताया कि 15 नवंबर को उड़ी सेक्टर में एलओसी के पास सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ऑपरेशन काली शुरू किया। इसमें आतंकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो दहशतगर्दों को ढेर किया गया।
उड़ी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के उस पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की सूचना के बाद इलाके में जगह-जगह एंबुश लगाए गए थे, जहां से घुसपैठ की आशंका थी। कर्नल राघव ने बताया कि खराब मौसम और कम दृश्यता का फायदा उठाते हुए बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे आतंकियों की संदिग्ध गतिविधियों को देखा गया। सुरक्षा बलों के ललकारने पर आतंकियों ने फायरिंग कर भगाने की कोशिश की।
जवाबी कार्रवाई में 08:50 बजे एक आतंकी को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान इलाके में छिपे दूसरे दहशतगर्द को भी सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। दूसरे आतंकी की अभी शिनाख्त नहीं हुई है।
सैन्य अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में नियंत्रण रेखा के उस पार भी आतंकियों को नुकसान पहुंचने की संभावना है। मारे गए दोनों दहशतगर्दों से दो एके-47 राइफल, दो पिस्तौल, चार चीनी हथगोले, गोला-बारूद के साथ दवाइयां, खाने-पीने का सामान, 2630 रुपये पाकिस्तानी करंसी और पहचान पत्र शामिल हैं।
एलओसी पर मजबूत सुरक्षा ग्रिड के साथ जवान सतर्क
कर्नल राघव ने कहा कि उड़ी सेक्टर में एक ही क्षेत्र के माध्यम से बार-बार घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान इस पार आतंकी भेजकर जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की नापाक कोशिशें कर रहा है। लेकिन हमारे सुरक्षाबल लगातार नियंत्रण रेखा पर मजबूत सुरक्षा ग्रिड के साथ कड़ी सतर्कता बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम कर पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही है।