18वें प्रवासी भारतीय दिवस का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया उद्घाटन, भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की प्रशंसा की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्‍ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की निर्णायक भूमिका है। श्री मोदी ओडिशा के भुबनेश्‍वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस

18वें प्रवासी भारतीय दिवस का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया उद्घाटन, भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की प्रशंसा की
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्‍ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की निर्णायक भूमिका है। श्री मोदी ओडिशा के भुबनेश्‍वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस का औपचारिक  उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने वैश्विक विकास और भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों की महत्‍वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की।
 
उन्‍होंने विश्‍वभर में देश के राजदूतों के रूप में भारतीय प्रवासियों की सेवाओं को उजागर किया। श्री मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने दुनिया भर में उत्कृष्ट कार्य किए हैं और उनकी उपलब्धियां देश को गौरवान्वित करती हैं। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को वैश्विक सम्मान दिलाने में भारतीय मूल्यों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में उन्होंने कई विश्व नेताओं से मुलाकात की है। दुनिया का हर नेता प्रवासी भारतीयों की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि इसका एक मुख्य कारण सामाजिक मूल्य हैं, जो प्रवासी भारतीयों ने दुनिया के समुदायों में समाहित किए हैं।
 
भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत न केवल ‘लोकतंत्र की जननी’ है, बल्कि लोकतंत्र हमारी जीवन शैली में समाहित है। 
  
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आए हैं और देश विश्‍व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर अग्रसर है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्र नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक गतिशीलता, लड़ाकू विमान विनिर्माण, मेट्रो और बुलेट ट्रेनों सहित सभी क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन कर रहा है और जल्‍द ही प्रवासी भारतीय एयरक्राफ्ट बनाने में ‘मेड इन इंडिया’ कार्यक्रम में योगदान करेंगे।  
 
श्री मोदी ने भारत की युवा आबादी के महत्‍व पर भी प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि सरकार का मुख्‍य जोर देश के युवाओं के कौशल को उन्‍नत बनाने और उनकी क्षमता का बेहतर उपयोग करने पर है।  कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कई प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया।
  
इनमें केंद्र और राज्‍य स्‍तर के विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा लगाए गए प्रमोशनल स्‍टॉल शामिल हैं, जो भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत और आर्थिक खुशहाली को दर्शाते है। 
 
श्री मोदी ने कहा कि यह दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि 1915 में इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी लंबे समय तक विदेश में रहने के बाद भारत लौटे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में जीवंत त्योहारों का समय है, जहां प्रयागराज में आगामी महाकुंभ से लेकर मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू तक कई पर्व मनाए जाएंगे।
 
श्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में देश में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति इस अवसर की उत्सवी भावना को और बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस की स्थापना में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद किया, जो भारत और उसके प्रवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित हुआ है। 
  
ओडिशा की विरासत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भूमि भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाती है, जिसमें उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएँ, कोणार्क मंदिर और ताम्रलिप्ति और माणिकपटना जैसे प्राचीन बंदरगाह शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये खजाने बहुत गर्व पैदा करते हैं।
  
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन, प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा को भी हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होने वाली यह ट्रेन तीन सप्ताह तक भारतीय प्रवासियों को देश भर के विभिन्न धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर ले जाएगी।
  
इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव, ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। समारोह की शुरुआत तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज की प्रस्‍तुती के साथ हुई।
  
कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मेजबानी नरेंद्र मोदी सरकार की “पूर्वोदय” नीति को दर्शाती है, जो पूर्वी भारत के विकास और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में प्रवासी हर गुजरते साल के साथ और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
  
उन्होंने कहा कि चाहे वह तकनीक हो, पर्यटन हो, व्यापार हो या निवेश हो, वे जिस दोतरफा प्रवाह को संभव बनाते हैं, वह अमूल्य है। उन्होंने कहा कि भारत में लोगों को ध्यान में रखकर किए जाने वाले बदलावों से प्रवासी भारतीयों को भी लाभ मिलता है। 
  
मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने भी कार्यक्रम को अपने वीडियो संदेश से संबोधित किया। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जो प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और उन्हें एक-दूसरे से बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत कल युवा प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन के साथ हुई। 
  
इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय है ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’। सम्मेलन में कई देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय भाग ले रहे हैं। 
  
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल भुबनेश्वर में सम्मेलन के समापन समारोह में भाग लेंगी। राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित करेंगी।