ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के खिलाफ भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, मोदी सरकार की कूटनीतिक तैयारी

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया, वैश्विक नेताओं से समर्थन लेकर की कूटनीतिक तैयारी।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के खिलाफ भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, मोदी सरकार की कूटनीतिक तैयारी

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की पटकथा तैयार की। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने "ऑपरेशन सिंदूर" की योजना बनाना शुरू कर दिया और इसके तहत न केवल सैन्य रणनीति बनाई गई, बल्कि वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक समर्थन भी जुटाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 मई को हुए ऑपरेशन से पहले दुनिया के कई प्रमुख नेताओं से संपर्क कर उन्हें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की जानकारी दी और भारत की संभावित प्रतिक्रिया से अवगत कराया। 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया और सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ चल रही मुलाकात को बीच में छोड़कर भारत लौट आए।

इसके बाद 23 अप्रैल को पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, मॉरीशस और अमेरिका के उपराष्ट्रपति से बात की। 24 अप्रैल को उन्होंने इजरायल, जापान, इटली, जॉर्डन, फ्रांस और मिस्र के नेताओं से बातचीत की। विदेश मंत्री जयशंकर ने भी फ्रांस के वित्त मंत्री से संपर्क किया।

25 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने नीदरलैंड, ब्रिटेन और श्रीलंका के नेताओं से चर्चा की, जबकि 26 अप्रैल को उन्होंने यूएई और ईरान के राष्ट्रपतियों से फोन पर बात की। जयशंकर ने मिस्र के वित्त मंत्री से उसी दिन संपर्क किया। इसके बाद 27 अप्रैल को जयशंकर ने यूके के वित्त मंत्री को जानकारी दी। 1 मई को विदेश मंत्री ने दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री से संपर्क किया, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव से बात की।

5 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की, जिन्होंने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को पूरी तरह समर्थन दिया। 6 मई को पीएम मोदी ने कतर के प्रधानमंत्री से भी बात की। और अंततः 7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक और तीव्र हमला कर "ऑपरेशन सिंदूर" को अंजाम दिया।