हरियाणा में आप के झाडू का सफाया: लोकल ब्वॉय का दांव भी नहीं चला, चार सीटों पर बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
दिल्ली शराब घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आकर हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरने वाले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मतदाताओं को लुभाने में विफल साबित हुए।

दिल्ली शराब घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आकर हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरने वाले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मतदाताओं को लुभाने में विफल साबित हुए। पहले उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पूर्व सांसद सुशील गुप्ता ने मोर्चा संभाला था। पार्टी में हरियाणा से बड़ा स्थानीय चेहरा न होने पर अरविंद केजरीवाल को लोकल ब्वॉय के तौर पर दिखाने के दांव ने भी काम नहीं किया। वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान को बीमार होने के कारण आखिरी समय में चुनाव प्रचार से हटना पड़ा।
पिछले विधानसभा चुनाव में 46 सीटों पर लड़ने वाली आप को एक भी सीट नहीं मिली थी। आप को कुल आजाद प्रत्याशियों के 9.17 प्रतिशत और नोटा 0.54 प्रतिशत से भी कम मत प्रतिशत मिले थे। इस बार आप को 1.79 प्रतिशत वोट मिले हैं। आप के 89 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। कलायत सीट से प्रत्याशी अनुराग ढांडा करीब साढ़े 5 हजार वोट पाकर सातवें नंबर पर रहे है। ढांडा से पहले भाजपा, इनेलो प्रत्याशी सहित दो आजाद उम्मीदवार रहे है। आप के सबसे मजबूत प्रत्याशी माने जाने वाले जगाधरी सीट से आदर्श पाल तीसरे नंबर पर रहे है। उन्हें 43, 813 वोट मिला है,यहां से कांग्रेस प्रत्याशी अकरम खान को जीत मिली है। वहीं, देश की पहली महिला डब्ल्यूडब्ल्यूई की पहलवान कविता फोगाट को मात्र 1280 वोट मिले है। कविता चौथे नंबर पर रही है।
हार के फैक्टर
- राज्य में स्थानीय चेहरे का अभाव।
- पार्टी में आपसी गुटबाजी।
- मुख्यमंत्री पद पर चेहरा घोषित नहीं करना।
- आखिरी एक सप्ताह पहले अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान का नहीं पहुंचना।
- अधिकतर नए चेहरों को उतारना।