सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अजीज बाशा जजमेंट, 3 जजों की बेंच करेगी AMU के दर्जे पर फैसला

Supreme Court on Aligarh Muslim University Live Updates: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर 2024) को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे की बहाली से जुड़े मामले में अपना फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अजीज बाशा जजमेंट, 3 जजों की बेंच करेगी AMU के दर्जे पर फैसला

Supreme Court on Aligarh Muslim University Live Updates: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर 2024) को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे की बहाली से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की 7 जजों की बेंच ने एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि हमें तय करना है कि किसी संस्थान को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा कैसे दिया जा सकता है. भाषाई, सांस्कृतिक या धार्मिक अल्पसंख्यक अनुच्छेद 30 के तहत अपने लिए संस्थान बना सकते हैं.लेकिन यह सरकारी नियम से पूरी तरह अलग नहीं होते हैं.

अपने फैसले में SC ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "चाहे कोई शैक्षणिक संस्था संविधान लागू होने से पहले बनी हो या बाद में। इससे उसका दर्जा नहीं बदल जाएगा. संस्थान को स्थापित करने और उसके सरकारी तंत्र का हिस्सा बन जाने में अंतर है. लेकिन आर्टिकल 30(1) का मकसद यही है कि अल्पसंख्यकों द्वारा बनाया संस्थान उनके द्वारा ही चलाया जाए."

SC ने अपने फैसले में कहा, "कोर्ट को देखना होगा कि संस्था के बनते समय फंड और जमीन का बंदोबस्त किसने किया था. हम अजीज बाशा फैसले को ओवररूल कर रहे हैं. AMU अल्पसंख्यक संस्थान है. लेकिन AMU के दर्जे पर फैसला 3 जजों की बेंच बाद में करेगी." बता दें कि अजीज बाशा बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है.

पिछली सुनवाई में फैसला रख लिया था सुरक्षित 

बता दें कि इस मामले में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पिछली सुनवाई मकेंद्र सरकार ने इस मामले में सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि AMU को अल्पसंख्यक खांचे में रखना सही नहीं है. पीठ ने पिछली सुनवाई में अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, CJI के लिए नामित चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई की.