पशुओं के एफएमडी टीकाकरण के द्वितीय चरण में भी मध्यप्रदेश आगे
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि पशुओं में मुँहपका और खुरपका (फूट माउथ डिसीज़) टीकाकरण के द्वितीय चरण में भी मध्यप्रदेश देश में सर्वप्रथम है। प्रदेश ने निर्धारित अवधि स - 24/04/2023
 
                                वर्ष 2030 तक एफएमडी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि पशुओं में मुँहपका और खुरपका (फूट माउथ डिसीज़) टीकाकरण के द्वितीय चरण में भी मध्यप्रदेश देश में सर्वप्रथम है। प्रदेश ने निर्धारित अवधि से पूर्व 15 फरवरी 2023 को 2 करोड़ 7 लाख 68 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण पूर्ण कर लिया, जो देश में सर्वाधिक है।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में होने वाले एफएमडी टीकाकरण के प्रथम चरण में प्रदेश में 2 करोड़ 52 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया गया था। इसमें भी मध्यप्रदेश सबसे आगे था। एफएमडी रोग पशुधन उत्पादों को सर्वाधिक आर्थिक हानि पहुँचाने वाला रोग है। वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनीमल हेल्थ की प्राथमिकता में शामिल इस रोग के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 है।
मुँहपका एवं खुरपका बीमारी से पशुओं को बचाने का सबसे बेहतर उपाय टीकाकरण ही है। बछिया-बछड़े को पहला टीका 4 माह की उम्र में और दूसरा बूस्टर टीका एक माह बाद लगवाना चाहिये। इस बीमारी में पशु को जाड़ा देकर तेज बुखार आता है और भूख कम हो जाती है। मुँह से लार बहने लगती है। मुँह और खुर पर छोटे-छोटे छाले बन जाते हैं, जो बाद में बड़ा छाला बनने के बाद जख्म में बदल जाते हैं। दुधारु पशुओं का दूध उत्पादन 80 प्रतिशत तक घट जाता है। पशु कमजोर होने लगते हैं। प्रभावित पशु स्वस्थ होने के बाद भी लम्बे अरसे तक कमजोर ही रहते हैं। पशु के बीमार होने पर तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें और प्रभावित पशु को अलग रखने के साथ पशु-शाला को साफ-सुथरा और संक्रमणनाशी दवाओं का छिड़काव करवाते रहें। एफएमडी रोग का उन्मूलन पशु-पालकों को आर्थिक रूप से काफी मजबूत बनायेगा।
 
                         
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