ग्रीनपार्क: तीन तरह के ड्रेनेज सिस्टम पर विचार, 42000 हो जाएगी दर्शक क्षमता

बारिश की वजह भारत व बांग्लादेश के बीच हुए टेस्ट मैच में ढाई दिन का खेल नहीं हो पाने के बाद ग्रीनपार्क के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है।

ग्रीनपार्क: तीन तरह के ड्रेनेज सिस्टम पर विचार, 42000 हो जाएगी दर्शक क्षमता

बारिश की वजह भारत व बांग्लादेश के बीच हुए टेस्ट मैच में ढाई दिन का खेल नहीं हो पाने के बाद ग्रीनपार्क के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। एर दिन बारिश न होने पर भी मैदान नहीं सूख पाने के कारण खेल नहीं हुआ था। इसकी वजह स्टेडियम के एक छोटे से हिस्से में ही ड्रेनेज सिस्टम का होना था।इस संबंध में सात अक्तूबर प्रशासन, यूपीसीए व खेल विभाग की संयुक्त बैठक के बाद यूपीसीए ने ड्रेनेज सिस्टम लखनऊ के इकाना या वाराणसी में बन रहे स्टेडियम की तरह का ड्रेनेज सिस्टम को लगाने पर विचार कर रहा है।

बैठक में हुए तीन मंजिला दर्शक दीर्घा बनाने के फैसले के बाद इसके निर्माण के लिए दिल्ली, वाराणसी और लखनऊ से आर्किटेक्ट से संपर्क किया जा रहा है। प्रस्तावित तीन मंजिला दीर्घा की क्षमता 26000 हजार के करीब रहने का अनुमान है। इसके बनने पर ग्रीनपार्क क्षमता लगभग 42000 के करीब हो जाएगी। हालांकि तीन मंजिला दीर्घा की वास्तविक क्षमता आर्कीटेक्ट के प्रस्ताव दिए जाने बाद ही पता चलेगी।

सात अक्तूबर को हुई बैठक में ड्रेनेज सिस्टम के लिए मंडलायुक्त अमित गुप्ता द्वारा प्रस्ताव मांगे के बाद लखनऊ के इकाना और वाराणसी के नए स्टेडियम की तरह ग्रीनपार्क में सब एयर सिस्टम, सब-सरफेस एरिएशन और वैक्यूम-पावर्ड ड्रेनेज सिस्टम लगाने के लिए बीसीसीआई की तकनीकी टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीसीसीआई की टीम जल्द ही ग्रीनपार्क का निरीक्षण करेगी। कोशिश होगी कि ऐसा ड्रेनेज सिस्टम लगाया जाए, जिससे एकत्र पानी का इस्तेमाल अन्य कामों में हो सके। साथ ही बारिश होने पर पानी 15 से 20 मिनट में निकल जाए। इससे मैदान की आउटफील्ड व बाउंड्री के पास का हिस्सा गीला नहीं रहेगा अैर मैच आधे से एक घंटे में शुरू होने की संभावना रहेगी।

इसके अलावा उस बैठक में ई-पब्लिक, बी-गर्ल्स, बी-जनरल, सी-बालकनी व सी स्टॉल को तोड़कर उनके स्थान पर तीन मंजिला दर्शक दीर्घा बनाने का भी फैसला हुआ था। तोड़ी जाने वाली दीर्घाओं की कुल दर्शक क्षमता 14200 है, जबकि टेस्ट मैच के दौरान इसमें से 9009 दर्शक क्षमता का ही इस्तेमाल किया गया था, जिसे मिलाकर ग्रीनपार्क की कुल दर्शक क्षमता 26007 हो गई थी। इन गैलरियों की प्रयोग में लाई गई क्षमता को घटाने के अन्य गैलरियों की क्षमता 16998 ही थी। अब 26000 दर्शक क्षमता की तीन मंजिला दीर्घा के निर्माण के बाद ग्रीनपार्क की क्षमता लगभग 42000 हो जाने का अनुमान है। इस दीर्घा के लिए यूपीसीए ने दिल्ली, वाराणसी और लखनऊ से आर्किटेक्ट और विशेषज्ञों की टीम से संपर्क किया है। यहां की टीमें ग्रीनपार्क का जायजा लेने के बाद अपना एस्टीमेट देंगी। एस्टीमेट और दीर्घा बनाने के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक के आधार पर उसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

लखनऊ के इकाना और वाराणसी के नए स्टेडियम की तरह का ड्रेनेज सिस्टम ग्रीनपार्क में बनाने की योजना बनाई जा रही है। दर्शक क्षमता बढञाने के लिए दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी की टीम से संपर्क किया गया है, जो जल्द ही ग्रीनपार्क का जायजा लेगी। टीम की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव को फाइनल कर शासन को दिया जाएगा। - अंकित चटर्जी, सीईओ यूपीसीए

इन ड्रेनेज सिस्टम पर चल रहा विचार

वैक्यूम पावर्ड सिस्टम
मौजूदा समय में काफी प्रचालित है। इसमें पानी खींचने के लिए वैक्यूम और गरुत्वाकर्षण दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। ग्राउंड के अंदर लगे पाइप पानी को खींचकर कंटेनर में ले जाते हैं। इन कंटेनरों के जरिए इस एकत्र पानी का अन्यत्र भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

सब एयर सिस्टम
यह प्रणाली से 36 गुना तेजी से पानी की निकासी होती है। यह सिस्टम बारिश शुरू होने पर सुपर अब्जॉर्प्शन पाइप के जरिए 10 हजार लीटर प्रति मिनट की दर से पानी निकालता है। इससे ओस भी नियंत्रित की जा सकती है। बेंलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में इसे लगाया गया है।

सब सरफेस ऐरिएशन
मिट्टी की नमी अवशोषित करता है। इससे अतिरिक्त पानी को मिट्टी जल्दी से सोख लेती है। इस प्रणाली में मिट्टी में वेंटिलेशन बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इससे बारिश के दौरान मैदान में भरा पानी तेज गति से सूखता है। यह पानी सतह से नीचे (कम से कम दो इंच) एकत्र होता है।