Haryana Election: इस सीट से भाजपा मंत्री पर लगाएगी दांव या फिर नए चेहरे को मौका... कांग्रेस का खुलेगा खाता!

पानीपत ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत सीट माना जाती रही है। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक तीन चुनाव हो चुके हैं।

Haryana Election: इस सीट से भाजपा मंत्री पर लगाएगी दांव या फिर नए चेहरे को मौका... कांग्रेस का खुलेगा खाता!

पानीपत ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत सीट माना जाती रही है। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक तीन चुनाव हो चुके हैं। एक बार निर्दलीय ओमप्रकाश जैन और दो बार भाजपा से महिपाल ढांडा जीते हैं। ढांडा सैनी सरकार में पंचायत एवं सहकारिता राज्यमंत्री हैं, जबकि 2009 में निर्दलीय जीतने वाले ओमप्रकाश जैन भी कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री रहे थे।

महिपाल ढांडा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहने के साथ छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। माना जा रहा है कि एकबार फिर उन पर दांव खेला जा सकता है, लेकिन भाजपा का ही एक वर्ग उनके बजाय किसी नए को चेहरा बनाना चाहता है। 

भाजपा पार्षद रहे विजय जैन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इसी कारण पार्टी टिकट देने को लेकर पसापेश में है। वहीं, कांग्रेस में भी दावेदारों की लंबी लिस्ट है। कांग्रेस से 60 नेताओं ने दावेदारी जताई है। 

इनमें से 15 तो सक्रिय भी हैं। दावेदारों की संख्या देख कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार उसका खाता खुल सकता है। जजपा की टिकट पर पिछली बार 27.42 प्रतिशत वोट पाने वाले देवेंद्र कादियान इस बार समालखा से उतरने की तैयारी में हैं। इनलो में भी कई दावेदार हैं।

चुनावी माहाैल पर रमेश वर्मा और विजय कुमार बताते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में विकास के साथ रोजगार बड़ा मुद्दा रहेगा। बाहरी कॉलोनियों में पानी निकासी भी बड़ा विषय है। यहां लाेगों की मूलभूत सुविधाओं में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी काम करने की जरूरत है। सफीदों रोड और पुराना हरिद्वार रोड का निर्माण केवल दावों तक सिमटा रहा। खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी काफी काम करने की जरूरत है।
 
बाहरी कॉलोनियों के मिश्रित वोटर इस बार भी निर्णायक साबित होंगे
पानीपत ग्रामीण विधानसभा में सामान्य वर्ग के 60 फीसदी, एससी व बीसी-ए 20-20 फीसदी व बीसी-बी की 10 फीसदी मतदाता हैं। इस हलके में करीब 31 गांव और 65 से अधिक कॉलोनियां हैं। गांवों में सामान्य वर्ग का मतदान प्रतिशत अधिक है और बाहरी कॉलोनियों में मिश्रित लोग हैं।