पीएम मोदी के GST बचत उत्सव से कारीगर और आम नागरिकों को राहत

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए GST बचत उत्सव के तहत हस्तशिल्प और घरेलू सामानों पर GST दर में कमी, कारीगरों और नागरिकों को वित्तीय राहत प्रदान कर रही है।

पीएम मोदी के GST बचत उत्सव से कारीगर और आम नागरिकों को राहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस महीने 22 सितंबर से शुरू किए गए GST बचत उत्सव ने समाज के सभी वर्गों को राहत प्रदान करना शुरू कर दिया है। नई पीढ़ी के GST सुधार भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन सुधारों के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर दर में कटौती के जरिए सीधे आर्थिक लाभ मिल रहा है।

विशेष रूप से हस्तशिल्प क्षेत्र में नई GST दरों के लागू होने से व्यापारियों, कारीगरों और उपभोक्ताओं की वित्तीय जिम्मेदारियों में कमी आई है। अब रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं जैसे सिरेमिक के बर्तन, जार, पोर्सिलेन और टेरेकोटा के बर्तन और रसोई के बर्तन पर केवल 5 प्रतिशत GST लगेगा, जो पहले 12 प्रतिशत था। इससे घरेलू खर्चों में कमी आएगी और रसोई के आवश्यक सामान आम जनता के लिए अधिक सस्ते हो जाएंगे।

हस्तशिल्प के अन्य क्षेत्रों में भी कर दर में कमी की गई है। मूर्तियां, सजावटी सिरेमिक, ब्लू पॉटरी, और सजावटी फ्रेम वाले दर्पण अब 5 प्रतिशत GST पर उपलब्ध होंगे, जबकि पहले इन पर 12 प्रतिशत कर लगता था। इससे कारीगरों और पारंपरिक शिल्प बाजारों को सीधा फायदा मिलेगा।

साथ ही, कांच के शिल्प जैसे मूर्तियां, फूलदान, जार, वॉटीव और अन्य सजावटी वस्तुएं अब केवल 5 प्रतिशत GST पर उपलब्ध होंगी। इससे भारत के हस्तनिर्मित कांच के काम की पहुंच आम उपभोक्ताओं तक बढ़ेगी और इसकी मांग में भी इजाफा होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कर दरों में कटौती न केवल परिवारों पर आर्थिक बोझ को कम करती है, बल्कि भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को बढ़ावा देने में भी मदद करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने GST बचत उत्सव के माध्यम से यह संदेश दिया है कि सरकार कर प्रणाली को सरल बनाने और आम नागरिकों के जीवन को सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

इस सुधार के जरिए न केवल कारीगरों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि देश में हस्तशिल्प उत्पादों की मांग भी मजबूत होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।