AI के ज्यादा इस्तेमाल से आपको हो सकती है ये गंभीर समस्या...नई स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात

AI Leads To Insomnia And Loneliness: AI यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. ये सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि अब एक जरूरत बन चुकी है. यूं कहें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने मानव जीवन को काफी आसान कर दिया है. यही वजह है कि इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का खुमार लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है. जब से चैट जीपीटी मार्केट में आया है हर कोई इस टर्म से काफी हद तक रूबरू हो चुका है. कुछ लोग इसे वरदान कह रहे हैं. ये सारी बातें एक तरफ है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जीवन के लिए खतरा भी बन रहा है. जी हां अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा एक अध्ययन में खुलासा हुआ है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से जुड़े कर्मचारियों को कई तरह की समस्याएं हो रही है. इससे नींद ना आने और शराब पीने में वृद्धि पाई गई है. आईए जानते हैं इस बारे में विस्तार से. क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस? आसान भाषा में समझे तो जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानों की तरह सोच समझकर करने लगे तो वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है. जहां इसकी खूबियां है वहां इसके कई सारे हेल्थ से जुड़े नुकसान भी है. इस समस्या का शिकार बना रहा AI :स्टडी स्टडी में पाया गया है कि जो लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ काम करते हैं, वो अकेलापन महसूस करते हैं. उन्हें नींद नहीं आती है और वो शराब के आदी होते जा रहे हैं. जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के रिसचर्स ने अमेरिका, ताइवान, इंडोनेशिया और मलेशिया में चार एक्सपेरिमेंट किए. इसके लिए वैज्ञानिकों ने ताइवानीस बायोमेडिकल कंपनी के AI के साथ काम करने वाले 166 लोगों पर तीन हफ्ते तक रिसर्च किया. इस दौरान रिसर्च में शामिल लोगों में अकेलापन, अपनेपन की भावना और लगाओ की चिंता के बारे में बातचीत की गई. इस दौरान ये भी पाया गया कि जो लोग AI के साथ काम करते हैं, वो कम से घर लौटने के बाद ठीक से नींद नहीं ले पाते हैं और शराब पीते हैं.रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग AI  के साथ काम करते हैं वो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वो लोग सामाजिक तौर पर एक्टिव रहना चाहते हैं. मदद करके लोगों से जुड़े रहने की कोशिश करते हैं. क्या बोले शोघतकर्ता? स्टडी के प्रमुख शोधर्ता पोक मैन टैंग ने कहा कि इससे बचाव बहुत ही जरूरी है.इसके लिए कंपनी को कुछ ऐसे फीचर बनाने चाहिए जिसमें से इंसानी आवाज भी आए और कर्मचारी को काम करते वक्त ये महसूस ना हो कि वो मशीन के साथ काम कर रहे हैं.इसके अलावा लोगों को कम से कम वक्त एआई के साथ काम करना चाहिए. ये भी पढ़ें: योग करने के सिर्फ फायदे ही नहीं बल्कि कई नुकसान भी हैं! कहीं आप भी तो ये गलती नहीं कर रहे  

AI के ज्यादा इस्तेमाल से आपको हो सकती है ये गंभीर समस्या...नई स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात

AI Leads To Insomnia And Loneliness: AI यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. ये सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि अब एक जरूरत बन चुकी है. यूं कहें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने मानव जीवन को काफी आसान कर दिया है. यही वजह है कि इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का खुमार लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है. जब से चैट जीपीटी मार्केट में आया है हर कोई इस टर्म से काफी हद तक रूबरू हो चुका है. कुछ लोग इसे वरदान कह रहे हैं. ये सारी बातें एक तरफ है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जीवन के लिए खतरा भी बन रहा है. जी हां अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा एक अध्ययन में खुलासा हुआ है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से जुड़े कर्मचारियों को कई तरह की समस्याएं हो रही है. इससे नींद ना आने और शराब पीने में वृद्धि पाई गई है. आईए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?

आसान भाषा में समझे तो जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानों की तरह सोच समझकर करने लगे तो वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है. जहां इसकी खूबियां है वहां इसके कई सारे हेल्थ से जुड़े नुकसान भी है.

इस समस्या का शिकार बना रहा AI :स्टडी

स्टडी में पाया गया है कि जो लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ काम करते हैं, वो अकेलापन महसूस करते हैं. उन्हें नींद नहीं आती है और वो शराब के आदी होते जा रहे हैं. जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के रिसचर्स ने अमेरिका, ताइवान, इंडोनेशिया और मलेशिया में चार एक्सपेरिमेंट किए. इसके लिए वैज्ञानिकों ने ताइवानीस बायोमेडिकल कंपनी के AI के साथ काम करने वाले 166 लोगों पर तीन हफ्ते तक रिसर्च किया. इस दौरान रिसर्च में शामिल लोगों में अकेलापन, अपनेपन की भावना और लगाओ की चिंता के बारे में बातचीत की गई. इस दौरान ये भी पाया गया कि जो लोग AI के साथ काम करते हैं, वो कम से घर लौटने के बाद ठीक से नींद नहीं ले पाते हैं और शराब पीते हैं.रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग AI  के साथ काम करते हैं वो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वो लोग सामाजिक तौर पर एक्टिव रहना चाहते हैं. मदद करके लोगों से जुड़े रहने की कोशिश करते हैं.

क्या बोले शोघतकर्ता?

स्टडी के प्रमुख शोधर्ता पोक मैन टैंग ने कहा कि इससे बचाव बहुत ही जरूरी है.इसके लिए कंपनी को कुछ ऐसे फीचर बनाने चाहिए जिसमें से इंसानी आवाज भी आए और कर्मचारी को काम करते वक्त ये महसूस ना हो कि वो मशीन के साथ काम कर रहे हैं.इसके अलावा लोगों को कम से कम वक्त एआई के साथ काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: योग करने के सिर्फ फायदे ही नहीं बल्कि कई नुकसान भी हैं! कहीं आप भी तो ये गलती नहीं कर रहे