टायर सेक्टर को रिप्लेसमेंट मांग से मजबूती, चालू वित्त वर्ष में 7-8% की राजस्व वृद्धि का अनुमान: क्रिसिल

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के टायर उद्योग में वित्त वर्ष 2025 में 7-8% राजस्व वृद्धि की उम्मीद है। रिप्लेसमेंट मांग मजबूत बनी रहेगी लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव और लागत में वृद्धि चुनौती बन सकते हैं।

टायर सेक्टर को रिप्लेसमेंट मांग से मजबूती, चालू वित्त वर्ष में 7-8% की राजस्व वृद्धि का अनुमान: क्रिसिल

क्रिसिल रेटिंग्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का टायर उद्योग वित्त वर्ष 2025 में 7-8% की स्थिर राजस्व वृद्धि दर्ज करेगा। यह वृद्धि मुख्य रूप से रिप्लेसमेंट डिमांड यानी प्रतिस्थापन मांग से प्रेरित होगी। बढ़ते प्रीमियम टायर ट्रेंड के चलते प्राप्तियों में भी हल्की बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि, चीन से सस्ते टायरों की संभावित आपूर्ति और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार तनाव चुनौतियाँ पेश कर सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इनपुट लागत स्थिर रहने और क्षमता उपयोग बेहतर होने से इस साल परिचालन लाभप्रदता 13-13.5% के आसपास रहने की संभावना है। कमजोर बैलेंस शीट और संतुलित पूंजी व्यय से उद्योग को स्थिर ऋण रेटिंग बनाए रखने में मदद मिलेगी।

यह विश्लेषण भारत के शीर्ष 6 टायर निर्माताओं पर आधारित है, जो लगभग 85% उद्योग राजस्व साझा करते हैं। टायर सेक्टर की कुल बिक्री का लगभग 75% हिस्सा घरेलू बाजार से आता है, जबकि बाकी निर्यात से।

क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी के अनुसार, “इस वित्त वर्ष में भी बिक्री में 5-6% की वृद्धि देखी जा रही है। रिप्लेसमेंट सेगमेंट में 6-7% की वृद्धि का अनुमान है, जो कि बड़ी वाहन संख्या, मजबूत परिवहन और ग्रामीण सुधार से प्रेरित है। वहीं ओईएम सेगमेंट में 3-4% की वृद्धि संभव है।”

हालांकि, निर्यात में बढ़ोत्तरी के साथ जोखिम भी बने हुए हैं। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ भारत के टायर निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं। भारत ने सस्ते चीनी टायरों पर रोक के लिए पहले ही 17.57% शुल्क और एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा रखी है। लेकिन सुरक्षा उपायों की ढिलाई से घरेलू उद्योग पर दबाव बढ़ सकता है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कच्चे माल की लागत में तेज़ी से उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। प्राकृतिक रबर की कीमतों में 8-10% और सिंथेटिक रबर, कार्बन ब्लैक जैसी क्रूड लिंक्ड सामग्री में 10-12% तक वृद्धि देखी गई है, जिससे मुनाफा प्रभावित हो सकता है।