गाजा में शांति! सीजफायर और बंधकों की रिहाई पर क्या बोला भारत? आ गई पहली प्रतिक्रिया
भारत ने गाजा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते का बृहस्पतिवार को स्वागत किया. गाजा में 15 महीने तक हुए संघर्ष के बाद समझौते की घोषणा की गई है.

भारत ने गाजा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते का बृहस्पतिवार को स्वागत किया. गाजा में 15 महीने तक हुए संघर्ष के बाद समझौते की घोषणा की गई है.
भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में उम्मीद जताई कि इस समझौते से गाजा के लोगों तक मानवीय सहायता की सतत आपूर्ति सुरक्षित तरीके से हो सकेगी.
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम बंधकों की रिहाई और गाजा में संघर्ष विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं. हमने सभी बंधकों की रिहाई, संघर्ष विराम और संवाद के मार्ग पर लौटने तथा कूटनीति का लगातार आह्वान किया. इजरायल और हमास के बीच 15 महीने तक चले हिंसक संघर्ष में एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में, दोनों पक्ष एक संघर्ष विराम समझौते पर सहमत हुए, जो गाजा में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों और इजरायल में सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ करता है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने संघर्ष विराम समझौते का स्वागत किया
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते का स्वागत किया है और इसे ‘एक महत्वपूर्ण पहला कदम’ बताया है. गुतारेस ने बुधवार को कहा, ‘‘मैं गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक समझौते की घोषणा का स्वागत करता हूं.’’ उन्होंने इस समझौते को आगे बढ़ाने में मध्यस्थों - मिस्र, कतर और अमेरिका के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की.
इस समझौते को ‘एक महत्वपूर्ण पहला कदम’ बताते हुए गुतारेस ने कहा, ‘‘हमें व्यापक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए, जिसमें कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र की एकता और अखंडता का संरक्षण शामिल है. फलस्तीनी एकता स्थायी शांति और स्थिरता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, और मैं इस बात पर जोर देता हूं कि एकीकृत फलस्तीनी शासन सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.’’