Jaypee Infratech Homebuyers: जेपी इंफ्राटेक के 10000 से ज्यादा होमबायर्स के लिए राहत की खबर, जल्द मिलेगा घर का पजेशन!

Jaypee Infratech Homebuyers Relief: दिल्ली-एनसीआर में जेपी इंफ्राटेक के होमबायर्स जो सालों से अपने घर के पजेशन का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए राहत की खबर है.

Jaypee Infratech Homebuyers: जेपी इंफ्राटेक के 10000 से ज्यादा होमबायर्स के लिए राहत की खबर, जल्द मिलेगा घर का पजेशन!

दिल्ली-एनसीआर में जेपी इंफ्राटेक के होमबायर्स जो सालों से अपने घर के पजेशन का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए राहत की खबर है. सुरक्षा समूह के नियंत्रण वाली जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को दिल्ली-एनसीआर में 10000 से अधिक हाउसिंग यूनिट्स वाली सात अटकी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को नए सिरे से रेरा पंजीकरण को मान्यता मिल गई है. इससे कंपनी के अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट में तेजी आएगी और लंबे समय से  इंतजार कर रहे होमबायर्स को घर का पजेशन मिल सकेगा. 

बीते साल जून 2024 में मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण कर तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन कर कंपनी के नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. सुरक्षा ग्रुप के प्रमोटर सुधीर वी वालिया को जेपी इन्फ्राटेक के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया था. इंसोलवेंसी अपलेट ट्राइब्यूनल एनसीएलएटी  (NCLAT) के पिछले साल 24 मई को आए आदेश के सुरक्षा ग्रुप ने जेपी इन्फ्राटेक का अधिग्रहण किया था. एनसीएलएटी ने जेआईएल के अधिग्रहण के लिए सुरक्षा समूह की तरफ से लगाई गई बोली को बरकरार रखा था. एनसीएलएटी ने सुरक्षा समूह को किसानों के मुआवजे के तौर पर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को एडिशनल 1334 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. 

पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जेपी इन्फ्राटेक को अपनी सात हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए RERA रजिस्ट्रेशन को दोबारा मान्यता मिल गई है. उन्होंने कहा कि इससे परियोजनाओं को पूरा करने के काम में तेजी आएगी और बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से होमलोन लेना आसान हो सकेगा. जिन सात हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का  RERA रजिस्ट्रेशन दोबारा मान्य हुआ है, उनमें जेपी ग्रीन्स क्लासिक-डी, जेपी ग्रीन्स कॉसमोस-ए (फेज-2), जेपी ग्रीन्स कॉसमोस-सी, जेपी ग्रीन्स केंसिंग्टन बुलेवार्ड अपार्टमेंट, जेपी ग्रीन्स कासा आइल्स, जेपी ग्रीन्स क्रिसेंट होम्स और पेबल कोर्ट शामिल हैं. इन प्रोजेक्ट्स में कुल मिलाकर 10,082 हाउसिंग यूनिट्स हैं. इन यूनिट्स को दिसंबर, 2025 से चरणबद्ध तरीके से रिजोल्युशन प्लान के हिसाब से डिलिवर किया जाएगा. जेपी इन्फ्राटेक की अन्य परियोजनाओं के रेरा पंजीकरण का नए सिरे से मान्यता लेने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसके पूरा होने की उम्मीद है. 

आईडीबीआई बैंक की अगुवाई वाले लेनदार समूह ने जेआईएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (Insolvency Resolution Process) अगस्त, 2017 में शुरू की थी. सात मार्च, 2023 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने जेआईएल को खरीदने के लिए सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी थी.

जेपी इन्फ्राटेक का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के बाद, सुरक्षा समूह ने अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण शुरू करने के लिए धन जुटाने के साथ-साथ तैयारी भी शुरू कर दी है, जिसमें लगभग 20,000 घर खरीदार फंसे हुए हैं. सुरक्षा समूह को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स  में करीब 160 हाउसिंग टावरों को पूरा करने के लिए 6,500 -7,000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी.