फतेहपुर सीकरी के किसानों की उम्मीदें टूटीं: नए बजट में भी नई नहर को नहीं मिला फंड

योगी सरकार के बजट 2025-26 में जहां सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ मिला, वहीं फतेहपुर सीकरी सीमा के 70 हजार से अधिक किसानों की सिंचाई संबंधी उम्मीदें फिर अधूरी रह गईं।

फतेहपुर सीकरी के किसानों की उम्मीदें टूटीं: नए बजट में भी नई नहर को नहीं मिला फंड

योगी सरकार के बजट 2025-26 में जहां सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ मिला, वहीं फतेहपुर सीकरी सीमा के 70 हजार से अधिक किसानों की सिंचाई संबंधी उम्मीदें फिर अधूरी रह गईं। क्षेत्र के 60 गांवों के लिए प्रस्तावित नई नहर के निर्माण के लिए इस बजट में एक रुपया भी आवंटित नहीं किया गया। इस नहर के लिए किसान और जनप्रतिनिधि लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब भी समाधान नहीं मिला है। परिणामस्वरूप, राजस्थान सीमा से लगे इन गांवों की करीब 10 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचाई के अभाव में बंजर होती जा रही है।

इतिहास भी बताता है पानी की अहमियत
फतेहपुर सीकरी नगर, जिसे मुगल बादशाह अकबर ने करीब 500 साल पहले बसाया था, पानी की कमी के कारण ही छोड़ना पड़ा था। अकबर ने उस समय पानी संकट से निपटने के लिए 50 से अधिक बावड़ियां बनवाई थीं, लेकिन आज भी क्षेत्र के किसान उसी समस्या से जूझ रहे हैं।

किसानों की नाराजगी और दर्द
किसान नेता सोमवीर यादव ने बजट पर निराशा जताते हुए कहा, "सिंचाई प्रणालियों के लिए कोई प्रावधान नहीं है। किसान कहां जाएं? सरकार की सम्मान निधि से पेट नहीं भरता, खेती ही उनकी आजीविका है।" वहीं, किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि नई नहर की मांग को लेकर किसानों ने 30 महीने तक सिंचाई विभाग में धरना दिया, अधिकारियों ने योजना तो बनाई, पर बजट न मिलने से निराशा हाथ लगी।

बिन पानी सूनी खेती, विकास होगा नहर से
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा, "बिन पानी सब सून है। अगर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो खेत यूं ही बंजर पड़े रहेंगे। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द नहर के लिए बजट घोषित किया जाए।" प्रगतिशील कृषक सोबरन सिंह ने भी नई नहर के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे न केवल हरियाली आएगी, बल्कि किसान खुशहाल होंगे और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

फतेहपुर सीकरी के किसानों को उम्मीद थी कि इस बजट में उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी, लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अब उनकी निगाहें सरकार की अगली घोषणा पर टिकी हैं।