बांग्लादेश और मणिपुर पर केंद्र सरकार की खिंचाई, कांग्रेस ने इंदिरा-राजीव के काम गिनाए
लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुंबई उत्तर मध्य से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सदन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और मणिपुर

लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुंबई उत्तर मध्य से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सदन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और मणिपुर की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किए। अपने भाषण में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश का निर्माण कराया था।
पीएम मोदी की नीतियों पर निशाना साधते हुए गायकवाड़ ने कहा, "अगर आपको लाल आंख दिखानी है, सर्जिकल स्ट्राइक करनी है और 56 इंच की छाती का दावा करना है, तो बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही घटनाओं की जिम्मेदारी भी आपको लेनी होगी। आने वाले समय में आपको इस पर काम करना होगा।"
प्रधानमंत्री मोदी के "मुंह को खून लगने" वाले बयान का जवाब देते हुए गायकवाड़ ने कांग्रेस के योगदान की याद दिलाई। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने देश की एकता और अखंडता के लिए हमेशा काम किया है। हमारा खून इस देश की मिट्टी में मिला हुआ है। इंदिरा गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाया था, और शांति के लिए राजीव गांधी ने तमिलनाडु और श्रीलंका में कदम उठाए। वे खुद शांति का संदेश लेकर वहां गए थे।"
मणिपुर की स्थिति पर सरकार की आलोचना करते हुए गायकवाड़ ने कहा कि एक साल से मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री के पास वहां जाने का समय नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर के लोग अपनी समस्याओं को लेकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके साथ ही उन्होंने गरीब और अमीर के बीच बढ़ती खाई पर भी सवाल उठाया।
इससे पहले, 14 दिसंबर को लोकसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के एक परिवार ने करीब 55 साल तक देश पर शासन किया और इस दौरान बार-बार संविधान को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कांग्रेस पर छह दशकों में 75 बार संविधान में संशोधन करने का आरोप लगाया और इसे "संविधान का शिकार" बताया।
सत्र के दौरान हुई इस तीखी बहस ने सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र मतभेदों को उजागर कर दिया।