चुनावी किस्सा: सोनीपत लोकसभा सीट पर 1984 धर्मपाल मलिक को मिली थी जीत, विरोधी प्रत्याशी से मांग लिया आशीर्वाद

हरियाणा में चुनावी किस्सा बड़े ही रौचक हैं। इस कड़ी में सोनीपत लोकसभा सीट पर 1984 में धर्मपाल मलिक ने अपने विरोधी से ही जीत का आशीर्वाद मांग लिया था। नामांकन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी धर्मपाल मलिक का पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से सामना हुआ था।

चुनावी किस्सा: सोनीपत लोकसभा सीट पर 1984 धर्मपाल मलिक को मिली थी जीत, विरोधी प्रत्याशी से मांग लिया आशीर्वाद

हरियाणा में चुनावी किस्सा बड़े ही रौचक हैं। इस कड़ी में सोनीपत लोकसभा सीट पर 1984 में धर्मपाल मलिक ने अपने विरोधी से ही जीत का आशीर्वाद मांग लिया था। नामांकन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी धर्मपाल मलिक का पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से सामना हुआ था।

लोकसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया संपन्न हो गई है। ऐसे में अब प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार में जुटने शुरू हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में कई किस्से अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं। बाद में वह इतिहास का हिस्सा बन जाते हैं। ऐसा ही एक घटनाक्रम पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता धर्मपाल मलिक ने साझा किया है। जब उन्होंने प्रतिद्वंद्वी से ही जीत का आशीर्वाद मांग लिया था। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह नामांकन रद्द होने पर उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ सके थे। हालांकि उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री को हराकर जीत दर्ज की थी।

यह वाक्या वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव का है। पूर्व सांसद धर्मपाल मलिक ने बताया कि वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे थे। उनके सामने लोकदल ने दमदार प्रत्याशी एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को उतारा था। नामांकन दाखिल करने के बाद वह जिला बार रूम की तरफ चले गए। वहां पर चौ. चरण सिंह पहले से ही मौजूद थे और उनके आसपास वकीलों व कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी थी। वह भी उनके पास चले गए और चौधरी चरण सिंह को नमस्कार कर कहा कि वह धर्मपाल मलिक हैं। चौधरी चरण सिंह उन्हें नहीं पहचानते थे। उनका पहनावा देखकर चौधरी चरण सिंह ने समझा कि वह भी वकील हैं और उन्हें एक ओर बैठने का इशारा किया।

धर्मपाल सिंह मलिक ने उन्हें बताया कि मैं आपके खिलाफ कांग्रेस से प्रत्याशी हूं। इस पर चौ. चरण सिंह हंसने लगे और पूछा चलो और बताओ। तब धर्मपाल मलिक ने उनसे कहा था कि और कुछ नहीं बस जीत का आशीर्वाद दे दो। उनकी बात सुनकर चौधरी चरण सिंह ने हंसते हुए कहा कि उन्हें आशीर्वाद देवीलाल देंगे। पास में बैठे देवीलाल चौ. चरण सिंह के कवरिंग कैंडिडेट के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर चुके थे।

तब देवीलाल ने धर्मपाल मलिक को पास बुलाकर हंसते हुए कहा था कि मैं क्यूं दूं आशीर्वाद, जा जाकै अरुण नेहरू (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता) से ले लो। माहौल हंसीनुमा हो गया पर इस बीच धर्मपाल मलिक ने उनसे कहा था कि अरुण नेहरू ने टिकट देकर आशीर्वाद दे दिया, अब जीत का आशीर्वाद तो आपको ही देना पड़ेगा। तब उनकी बात सुनकर व उनके प्रतिद्वंद्वी के प्रति आदर भाव देखकर सभी प्रभावित हो गए थे। तब उस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का नामांकन रद्द हो गया था। उनके कवरिंग उम्मीदवार चौधरी देवीलाल ने चुनाव लड़ा था। तब धर्मपाल मलिक लोकदल उम्मीदवार चौधरी देवीलाल को 2941 वोट से हराकर पहली बार संसद गए थे।