पीरियड्स के दौरान गर्म पानी का सेवन: फायदेमंद या हानिकारक?
महिलाओं के जीवन में पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन इससे जुड़े कई मिथक और गलतफहमियां समाज में गहराई से जड़ें जमा चुकी हैं।

महिलाओं के जीवन में पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन इससे जुड़े कई मिथक और गलतफहमियां समाज में गहराई से जड़ें जमा चुकी हैं। इनमें से एक आम धारणा यह है कि पीरियड्स के दौरान गर्म पानी का सेवन या उसका इस्तेमाल मासिक धर्म के फ्लो को बढ़ा सकता है। इस धारणा को लेकर कई महिलाएं चिंतित रहती हैं और इस वजह से गर्म पानी से बचने की कोशिश करती हैं। लेकिन क्या यह सच है? आइए, इस मिथक की सच्चाई को समझने की कोशिश करें।
विज्ञान के अनुसार, पीरियड्स के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे गर्भाशय की दीवारें टूटकर खून के रूप में बाहर निकलती हैं। यह पूरी तरह से एक जैविक प्रक्रिया है, जो हार्मोन के नियंत्रण में होती है। गर्म पानी का सेवन या उसका उपयोग शरीर के तापमान को थोड़े समय के लिए बढ़ा सकता है, लेकिन इसका पीरियड्स के फ्लो पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
दरअसल, गर्म पानी शरीर की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है और पेट दर्द या ऐंठन जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है। पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करती हैं, जिसे डिसमेनोरिया कहते हैं। इस स्थिति में गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल या गर्म पानी से नहाना आरामदायक हो सकता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और रक्त प्रवाह को सुगम बनाता है, जिससे दर्द में कमी आती है।
यह मिथक कि गर्म पानी फ्लो को बढ़ा देता है, पूरी तरह से गलत है। पीरियड्स का फ्लो हार्मोनल बदलावों और शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है, न कि गर्म पानी पर। इसलिए, महिलाएं बिना किसी झिझक के पीरियड्स के दौरान गर्म पानी का उपयोग कर सकती हैं और इससे जुड़े फायदों का लाभ उठा सकती हैं।
सही जानकारी और जागरूकता के माध्यम से इन मिथकों को दूर करना और महिलाओं को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है।