बुल्गारिया में इतिहास रचने वाली काजल दोचक: विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में भारतीय महिलाओं का जलवा
भारत की काजल दोचक ने बुल्गारिया में आयोजित अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। श्रुति और सारिका ने भी कांस्य पदक जीतकर भारत की महिला पहलवानों के शानदार प्रदर्शन को मजबूती दी।

भारतीय पहलवानों की नई पीढ़ी ने फिर दिखाया दम
अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में भारत की युवा पहलवान काजल दोचक ने बुल्गारिया के समोकोव में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया। महिलाओं के 72 किलोग्राम भार वर्ग में चीन की लियू युकी को 8-6 से हराकर काजल ने यह प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक हासिल किया। कठिन मुकाबले के दौरान काजल ने शुरू में 4-0 की बढ़त बनाई और बाद में चीनी प्रतिद्वंदी की वापसी के बावजूद अपने डिफेंस व आक्रमण से फाइनल में जीत दर्ज की.
टूर्नामेंट में शानदार सफर
काजल का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की कैयरकुल शारशेबायेवा को 7-0 से हराया और सेमीफाइनल में अमेरिका की मजबूत पहलवान जैस्मीन रॉबिन्सन को 13-6 के बड़े अंतर से मात दी। फाइनल में भी उन्होंने दमदार खेल दिखाया और चीन की चुनौती को पछाड़ दिया। काजल के पिता टैक्सी ड्राइवर हैं, लेकिन परिवार ने उनका पूरा साथ दिया। बचपन से ही पिता और चाचा ने कुश्ती की बारीकियां सिखाईं, जिससे काजल कुश्ती में चमक पाई.
श्रुति और सारिका ने दिलाया कांस्य पदक
महिला वर्ग में भारत के लिए सिर्फ काजल ही नहीं, बल्कि श्रुति (50 किग्रा) और सारिका (53 किग्रा) ने भी शानदार प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। श्रुति ने कांस्य मुकाबले में जर्मनी की जोसेफिन रेन्श को 6-0 से हराया, वहीं सारिका ने पोलैंड की इलोना वालचुक को तकनीकी श्रेष्ठता (11-0) से मात दी। भारत की महिला टीम ने सात पदक जीतकर टूर्नामेंट उपविजेता भी बनी। जापान ने टीम खिताब बरकरार रखा.
भारतीय महिला पहलवानों का उत्साह
काजल दोचक के अलावा श्रुति और सारिका के पदक जीतने से भारत में महिला कुश्ती का उत्साह और आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है। सोनीपत की काजल दोचक ने असाधारण मेहनत, प्रतिभा और पारिवारिक समर्थन के मेल से इस मुकाम तक पहुंची है। इससे पहले भी काजल ने एशियाई और विश्व कैडेट खिताबों में सफलता पाई थी.
अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में काजल दोचक की गोल्ड जीत और श्रुति-सारिका के कांस्य जीतने से भारत की महिला कुश्ती दल ने दुनिया में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। यह सफलता युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है और उम्मीद है कि आने वाले समय में भारतीय पहलवान अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी सोने-चांदी के पदक देश को दिलाएंगे।