Haryana: एसआईटी ने सुनील कपूर को माना संदिग्ध, तलाश में जुटी पुलिस
जींद में आईपीएस पर यौन शौषण का आरोप है। पीड़िता की शिकायत वाला पत्र वायरल करने का मामला सामने आया है। एसआईटी की जांच में जींद के सुनील कपूर का नाम सामने आया है।

आईपीएस पर यौन शोषण के आरोप मामले में जींद की महिला थाना प्रभारी की ओर से सोशल मीडिया चैनल के संचालक सुनील कपूर पर दर्ज शिकायत की जांच में एसआईटी ने कई खुलासे किए हैं। जांच में पता चला है कि पत्र वायरल करने के लिए जिस वाई-फाई डिवाइस से संदिग्ध ई-मेल भेजे गए उनमें सुनील कपूर का नाम पंजीकृत है। इसी से ही उच्चाधिकारियों को यौन शोषण की शिकायत वाला पत्र भेजा गया था। पुलिस उसे जांच शामिल करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह भूमिगत हो गया है।
सुनील कपूर पर पहले भी दो केस दर्ज हैं। एसआईटी के हेड एसपी दीपक सहारन, एएसपी डॉ. राजेश कुमार मोहन ने बताया कि मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण पुलिस हर तथ्य की क्रॉस वेरिफिकेशन कर रही है।
एएसपी डॉ. राजेश कुमार मोहन ने बताया कि एसआईटी ने जींद महिला थाना प्रभारी द्वारा 28 अक्तूबर को सिविल लाइन थाना जींद में दर्ज एफआईआर नंबर 370 की जांच में गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। जांच में पता चला है कि सुनील कपूर और थाना प्रभारी का आपस में किसी मामले को लेकर काउंटर शिकायत करने को सिलसिला चल रहा है। 6 अक्तूबर 2023 में दहेज से जुड़ी एक एफआईआर नंबर दर्ज की गई थी, जिसे 6 दिसंबर को रद्द कर दिया था।
रद्द एफआई को फिर से खुलवाना चाहता था सुनील
गवाहों ने बताया कि सुनील कुमार रद्द एफआईआर को दोबारा खुलवाना चाहता था। थाना प्रभारी ने सबूतों के अभावों में एफआईआर खोलने से मना कर दिया। रद्द एफआईआर को लेकर एक मध्यस्थ भी सामने आया है। उसके सामने सुनील ने थाना प्रभारी को देख लेने की बात कही थी। एसआईटी ने मध्यस्थ के बयान ले लिए हैं।
एएसपी ने बताया कि प्रकरण को लेकर उच्चाधिकारियों को दी शिकायत में यौन शोषण समेत अन्य धाराओं के आरोप हैं। इसकी जांच दूसरे जिले की आला महिला अधिकारी कर रही हैं। इसके बाद हिसार एसआईटी ने तकनीकी विश्लेषण किया तो सामने आया कि जिस संदिग्ध ईमेल आईडी.द्वारा शिकायत की गई थी।
वह एयरटेल के वाई-फाई डिवाइस को यूज करके बनाई गई थी। डिवाइस डेटा लिया तो पता चला कि यह वाई-फाई डिवाइस सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड है। एसपी व एएसपी ने बताया कि सुनील कपूर जांच में शामिल नहीं हो रहा। उसने उच्चाधिकारियों को जो पत्र भेजा था, उसके पीछे अवैध वसूली या दबाव बनाने की मंशा हो सकती है। उससे पूछताछ के बाद ही इन सभी सवालों का जवाब मिल पाएगा। बता दें कि महिला पुलिसकर्मी की ओर से दी गई यौन शोषण की शिकायत की जांच एसपी फतेहाबाद कर रही हैं।