बिहार में बेटियों की शिक्षा को मिला नया आयाम, बेगूसराय में दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की संख्या लड़कों से अधिक

बिहार सरकार की छात्रवृत्ति, साइकिल व पोशाक जैसी योजनाओं से बेटियों की शिक्षा में भागीदारी बढ़ी। बेगूसराय में दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की संख्या लड़कों से अधिक रही।

बिहार में बेटियों की शिक्षा को मिला नया आयाम, बेगूसराय में दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की संख्या लड़कों से अधिक

बिहार सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का असर अब जमीन पर साफ दिखाई देने लगा है। खासकर बेगूसराय जिले में इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है, जहाँ हर साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की संख्या लगातार लड़कों से अधिक हो रही है।

योजनाओं का मिला सीधा फायदा

सरकार की छात्रवृत्ति, पोशाक योजना, साइकिल योजना और निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण जैसी पहलों ने बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि ये योजनाएं सभी छात्रों के लिए लागू हैं, लेकिन इनका सबसे ज्यादा लाभ बेटियों को मिला है।

बोर्ड परीक्षा के आंकड़े

  • 2024 में दसवीं बोर्ड परीक्षा में लड़कों की संख्या 23,001 रही, जबकि लड़कियों की संख्या 27,824 रही। यानी छात्राएं 4,823 अधिक थीं।

  • 2025 में लड़कों की संख्या बढ़कर 27,447 हुई, लेकिन छात्राओं की संख्या 31,945 रही, जो लड़कों से 4,498 अधिक है।

पिछले पाँच वर्षों में लगातार यही प्रवृत्ति रही है कि लड़कियों की भागीदारी लड़कों की तुलना में अधिक दर्ज की गई है। यही नहीं, उच्च शिक्षा में भी छात्राओं की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ रही है।

आर्थिक प्रोत्साहन बना सहारा

सरकार द्वारा दसवीं बोर्ड में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले सभी छात्रों को ₹15,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह योजना विशेष रूप से लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके साथ ही बालिकाओं को सैनिटरी पैड खरीदने के लिए ₹150 की आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, जिससे उनकी स्कूल उपस्थिति बढ़ी है।

पहले जहां आर्थिक कारणों से परिवार केवल बेटों की शिक्षा पर ध्यान देते थे, अब वही परिवार बेटियों को भी बराबरी से पढ़ा रहे हैं।

अधिकारियों और शिक्षकों की राय

जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा, “आज बेटियां हर क्षेत्र में इतिहास रच रही हैं। चाहे खेल हो, शिक्षा हो या नौकरी—यह सब सरकार की योजनाओं का परिणाम है।”

ओमर बालिका उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अफरोज के अनुसार, “हर वर्ष छात्राओं की संख्या में जो निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, उसे नकारा नहीं जा सकता। इसमें सरकार की योजनाओं का अहम योगदान है।”

छात्राओं का उत्साह

एक छात्रा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “अब हमें पढ़ाई के लिए किसी चीज की कमी नहीं होती। साइकिल, किताबें और पोशाक मिलने से स्कूल आना आसान हो गया है। हम भी डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक बनने का सपना देख सकते हैं।”

बिहार सरकार की इन योजनाओं ने साबित कर दिया है कि सही पहल और प्रोत्साहन से बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ दिलाई जा सकती हैं।