डायबिटिक घावों का नया इलाज: 12 दिन में 90% तक भरने की सफलता
डायबिटिक फुट अल्सर जैसे जिद्दी घावों के इलाज में बड़ी सफलता। वैज्ञानिकों ने miR-221-3p लोडेड sEVs और GelMA हाइड्रोजेल से नया बायोएक्टिव ड्रेसिंग तैयार किया

डायबिटिक घावों की चुनौती
मधुमेह के रोगियों में खासकर डायबिटिक फुट अल्सर लंबे समय तक न भरने वाले घाव होते हैं। इसका मुख्य कारण रक्त प्रवाह की कमी और थ्रोम्बोस्पॉन्डिन-1 (TSP-1) नामक प्रोटीन है, जो नई रक्त नलिकाओं के बनने को रोकता है। यह प्रक्रिया, जिसे एंजियोजेनेसिस कहते हैं, घाव भरने के लिए बेहद जरूरी है।
नई तकनीक की खोज
Burns & Trauma जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में चीन के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की है। इसमें miR-221-3p लोडेड छोटे एक्स्ट्रासेल्युलर वेसिकल्स (sEVs) को GelMA हाइड्रोजेल में मिलाकर ड्रेसिंग बनाई गई है। यह तकनीक सीधे TSP-1 को निशाना बनाती है, जिससे रक्त नलिकाएं बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
कैसे काम करती है तकनीक
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उच्च ग्लूकोज स्तर (जैसा कि डायबिटिक घावों में होता है) TSP-1 को बढ़ाता है, जिससे रक्त नलिकाएं बनने में रुकावट होती है।
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miR-221-3p TSP-1 को कम करके एंडोथीलियल कोशिकाओं की क्षमता बहाल करता है।
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GelMA हाइड्रोजेल घाव पर धीरे-धीरे यह थेरेपी रिलीज करता है, जिससे लंबे समय तक असर बना रहता है।
नतीजे
पशु परीक्षण में इस ड्रेसिंग से 12 दिनों में 90% तक घाव भरने और रक्त नलिकाओं के बनने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबकि नियंत्रण समूह में यह प्रक्रिया धीमी रही।
विशेषज्ञ की राय
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. चुआन'आन शेन ने कहा:
"उन्नत टिश्यू इंजीनियरिंग और मॉलेक्यूलर बायोलॉजी के संयोजन से हमने एंडोथीलियल सेल फंक्शन में सुधार किया है। यह तकनीक डायबिटिक घाव देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।"
भविष्य की संभावनाएं
यह तकनीक न सिर्फ डायबिटिक फुट अल्सर बल्कि वास्कुलर डिजीज से जुड़े अन्य घावों और हड्डी या कार्टिलेज पुनर्जनन में भी उपयोगी हो सकती है।