जीएसटी बचत उत्सव: स्टेशनरी पर टैक्स घटा, छात्रों को बड़ी राहत
जीएसटी बचत उत्सव के तहत केंद्र सरकार ने स्टेशनरी वस्तुओं पर जीएसटी घटाकर छात्रों और परिवारों को राहत दी, जिससे घरेलू निर्माण और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिला।
देशभर में 22 सितंबर से शुरू हुए जीएसटी बचत उत्सव के तहत केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का सबसे बड़ा प्रभाव स्टेशनरी सेक्टर पर देखा जा रहा है, जहां सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के तहत छात्रों और परिवारों को सीधी राहत प्रदान की है।
नए कर ढांचे के अनुसार, नोटबुक, ग्राफ बुक, शार्पनर, इरेज़र और पेंसिल जैसी आवश्यक स्टेशनरी वस्तुओं को अब पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया गया है। इस कदम से स्कूली छात्रों को आवश्यक अध्ययन सामग्री कम कीमतों में उपलब्ध हो रही है, जिससे परिवारों पर शिक्षा का वित्तीय बोझ घटा है।
इसके अलावा, ज्योमेट्री बॉक्स और मैथमैटिकल इंस्ट्रूमेंट सेट्स जैसी शैक्षणिक सामग्री पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस निर्णय से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ मिला है, बल्कि देश के घरेलू स्टेशनरी निर्माताओं के लिए भी बाजार के नए अवसर खुल गए हैं।
आकाशवाणी समाचार से बातचीत में पुणे के निवासी अतुल देशपांडे, जो एक अभिभावक हैं, ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। उन्होंने कहा कि स्टेशनरी पर जीएसटी घटाने से उनके परिवार के मासिक खर्च में स्पष्ट कमी आई है।
सरकार के इस निर्णय से देश के स्टेशनरी उद्योग में मांग और उत्पादन दोनों में वृद्धि हुई है। पहले जहां कई छोटे निर्माता उच्च कर दरों से प्रभावित थे, अब उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा और बिक्री बढ़ाने का अवसर मिला है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को भी अप्रत्यक्ष रूप से बल मिला है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी बचत उत्सव के तहत यह सुधार सिर्फ कर राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य देश में शिक्षा, रोजगार और घरेलू निर्माण क्षेत्र को मजबूत करना है। सस्ती शिक्षा सामग्री से बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी और शिक्षा का प्रसार व्यापक रूप में संभव होगा।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ऐसे सुधार न केवल परिवारों की क्रय शक्ति बढ़ाते हैं, बल्कि दीर्घकालिक रूप से देश की मानव पूंजी के विकास में भी योगदान देते हैं। इस तरह जीएसटी बचत उत्सव केवल कर राहत योजना नहीं, बल्कि एक शिक्षा-सशक्त भारत की दिशा में ठोस कदम है।